राहु केतु से फलित कैसे करते हैं?

राहु केतु से फलित कैसे करते हैं?


सौर मंडल के दो छाया ग्रह राहु और केतु भी हमारे जीवन के विषय में बहुत से विषयों के फल कथन में सहयोगी होते हैं| एक तरह से ये हमारे जीवन चक्र से सम्बंधित बहुत से जानकारियां देते हैं| आइये इनसे किये जाने वाले कथन के कुछ तथ्य पर गौर करते हैं| 

  •  अगर मंगल और शुक्र राहु केतु अक्ष के एक ही तरफ हों तो वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है| अगर दो अक्ष पर अलग अलग हों तो वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए प्रयत्न करने होंगे|
  • अगर सूर्य चन्द्रमा एक ही अक्ष पर हों तो माँ बाप से समय पर सहयोग काम मिलता है अगर अलग अलग अक्षो पर हो तो समय से सहयोग मिलता रहता है|
  • अगर गुरु और शुक्र अलग अलग अक्षो पर हों  तो जातक का कार्य क्षेत्र जन्म स्थान से दूर होता है और संघर्ष करना पड़ता है|
  • अगर शनि और मंगल राहु केतु अक्ष के एक तरफ हो और शुक्र और गुरु दूसरे तरफ हों  तो जातक को ४९वे वर्ष में बड़ी आपदा का सामना करना पड़ता है|
  • अगर बुध और गुरु अलग अलग अक्ष पर हों तो बच्चों से विचार नहीं मिलते|
  • इसी तरह से चन्द्रमा/सूर्य और शनि अलग अलग अक्ष पर हो तो क्रमशः माँ बाप से वैचारिक मतभेद रहते हैं|
  • अगर सूर्य ,शुक्रगुरुबुध और शनि एक अक्ष पर हों और चन्द्रमा और मंगल दूसरे पर हों तो परिवार का कोई व्यक्ति विदेश जाता है|
  • राहु का अन्य ग्रहों के ऊपर से गोचर अच्छे परिणाम देता है लेकिन केतु का गोचर कष्ट देता हैजैसे की केतु के शुक्र से गोचर पर वैवाहिक जीवन में समस्याचन्द्रमा से गोचर में माँ के साथ कष्टपूर्ण सम्बन्धअगर साथ में शुभ ग्रहो का सम्बन्ध हो तो राहत मिलती है| केतु का शनि के ऊपर गोचर युद्ध की विभीषिका देता हैयह सूत्र संहिता ज्योतिष पर ज्यादा लागू होता है|

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