लोक सभा चुनाव का चुनाव १ जून को ख़त्म हो जायेगा और ४ जून को परिणाम आएंगे| ज्योतिष विज्ञान के बहुत से मर्मज्ञों ने परिणामों पर अपने विचार व्यक्त किये हैं| चूकि मै किसी राजनैतिक संगठन से नहीं जुड़ा हूँ न ही राजनीति में मेरी कोई दिलचस्पी है| पहले हमने इस पर कोई प्रेडिक्शन न करने का निर्णय लिया था| इसके पहले मैंने श्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव पर ज्योतिषीय विचार व्यक्त किये थे और उनमे काफी सटीकता थी अतः कुछ ज्योतिष प्रेमियों की मांग पर हमने अपने हिसाब से एक अध्ययन किया| इस अध्ययन में हमने ४ जून की कुंडली -भारत देश की कुंडली का प्रयोग किया है|
आइये हम इनका एक एक करके अध्ययन करने के पहले उन ऋषियों मुनियो तपस्वियों और गुरुजनों को नमन करते हैं जिन्होंने काल चक्र को समझने का मार्ग दिखाया|
गुरूदराय गुरवे
गोत्रे गुह्यासिताय ते।
गोप्याय गोपिताशेषभुवनाय चिदात्मने॥
1) ४ जून की कुंडली -भारत देश की कुंडली
वृषभ लग्न
कुछ ज्योतिषी वृषभ राशि को स्वतंत्र भारत की कुंडली मानते हैं| ४ जून २०२४ को लग्न में लग्नेश, चतुर्थेश सूर्य, द्वितीयेश और पंचमेश बुध और अष्टमेश और लाभेश गुरु हैं|
लग्नेश लग्न में होना शुभ है| पंचमेश और चतुर्थेश का साथ होना राजयोग बनाता है| उसमे भी लग्नेश का शामिल होना वर्तमान नेतृत्व के लिए बहुत अच्छा है| लाभेश गुरु का लग्न में आना भी अच्छा है हालाँकि गुरु अष्टमेश भी है अतः चुनाव परिक्रिया पर सवाल भी उठेंगे|
चतुर्थ भाव जनता का है अतः चतुर्थेश का लग्न में लग्नेश के साथ होना भी दिखाता है कि जनता बीजेपी सरकार के साथ है|
सप्तमेश मंगल १२वें भाव में किंतु अपनी मूल त्रिकोण राशि में है अतः बिपक्ष भी अच्छा प्रदर्शन करेगा हालाँकि सत्ता तक पहुंचने का मार्ग मुश्किल है|
हालाँकि वराहमिहिर के अनुसार भारत की कुंडली का लग्न मकर है| १९४७ में पाकिस्तान का निर्माण हुआ भारत में तो केवल सत्ता परिवर्तन हुआ और कुछ हिस्से पाकिस्तान में चले गए| अतः मकर को ही वास्तविक लग्न मानना चाहिए|
मकर लग्न
लग्नेश शनि अपने मूलत्रिकोण कुम्भ राशि में द्वितीय भाव में बैठा है और मजबूत स्थिति में है| शनि वहीं से सप्तमेश चन्द्रमा को देख भी रहा है|
जबकि सप्तमेश चन्द्रमा चतुर्थेश और लाभेश मंगल के साथ पीड़ित है| अतः बिपक्षी गठबंधन खुद के अंतर्विरोधों से परेशान दिख रहा है| हालाँकि मंगल लाभेश भी है अतः तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद विपक्षी खेमे को चुनाव में लाभ होने की संभावना है|
पंचम भाव में दो दो त्रिकोणेश की युति है| लेकिन इसके साथ षष्ठेश, अष्टमेश और द्वादशेशों के पंचम पर प्रभाव भी दिख रहे हैं| अतः चुनाव में सत्ता पक्ष को काफी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है|
इस तरह से कुल मिलकर सत्ताधारी गठबंधन सरकार बनाने में सफल होता लग रहा है लेकिन बिपक्षी गठबंधन भी चुनाव में लाभ प्राप्त करेगा| उसकी सीटें बढ़ेगी|
0 Comments
Please do not enter any spam links in the box