हर की पौढ़ी में शुद्ध हुआ, फिर देव भूमि में किया प्रवेश कोई कहता है इसे योग नगरी, कोई कहता है ऋषिकेश शिवनन्दाश्रम से वापस आ ओमकारानंदाश्रम में वास मिली गंगा मैया की धवल धार से खुद को पाने की आश खिल…