आपका नया वर्ष कब शुरू होगा और कैसा होगा खुद समझें ?

आपका नया वर्ष कब शुरू होगा और कैसा होगा खुद समझें ?

पिछले २-३ दिनों से कई मित्रों का फ़ोन आया की नया साल शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं आप बतायें मेरा नया साल कैसे रहेगा ? मैंने पूंछा कि अभी तक आप कैसे इसकी जानकारी पाते थे तो उन्होंने बताया कि वे राशिफल पढ़ते थे| मैंने दूसरा प्रश्न किया कि राशिफल से कितनी बातें सही होती थीं ? अब माहौल थोड़ा गंभीर हो चुका था जाहिर सी बात है वे राशिफल के परिणामों से संतुष्ट नहीं थे| तो क्या इसका मतलब निकाला  जाय की ज्योर्तिष शास्त्र के फल कथन सही नहीं होते ? मैं ऐसा बिलकुल नहीं कह सकता| लेकिन इसका सटीक उत्तर पाने के लिए कुछ बातें समझनी होंगी|

किसी भी जीव के जिंदगी में घटनाएं उसकी जन्म कुंडली में स्थित ग्रहो, ग्रहों की दशाएंऔर गोचर के ऊपर निर्भर करती हैं| अब अगर १ जनवरी की बात करें तो उसदिन ग्रह स्थिति में कोई विशेष बदलाव होता हो ऐसा जरुरी नहीं है अतः ऐसे किसी भी त्वरित बदलाव की उम्मीद नहीं रहती|  ग्रह अपने निश्चित समय पर निश्चित राशि में गोचर करते हैं अतः हमें उनके गोचर के अनुसार अपना नया साल निकलना पड़ता है| सामान्य अर्थ में कहें तो सूर्य एक साल बाद जब पुनः अपनी उसी राशि और तिथि में वापस आता है जब आपका जन्म हुआ था तो उसी समय आपका नया साल प्रारम्भ होता है| इस समय सूर्य और चन्द्रमा से उतने ही अंश की दूरी पर स्थित होता है जितना जन्म के समय था|  और वही हमारा वास्तविक जन्म दिन होता है| अब जब वैदिक सनातन धर्म पुनः अपने वैभव को प्राप्त करने जा रहा है तो सभी भारतवासियों को यह समझना चाहिए| 

आज के समाज में जब लोग भारतीय परम्पराओ और तिथियों को भूल चुके हैं, उनके लिए यह निकालना भी निश्चित रूप से कठिन होगा की उनका भारतीय पंचांग के अनुसार जन्म दिन कब पड़ता है और उनका नया वर्ष कब शुरू होता है| लेकिन धन्यवाद उन कंप्यूटर की जानकारी वाले ज्योतिषियों को देना चाहिए जो यह जानकारी आसानी से उपलब्ध करवा रहे हैं| आप किसी भी सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर लें और उसमे तिथि प्रवेश पंचांग अपने जन्म तारीख समय और स्थान डाल कर निकल सकते हैं| ज्यादा जानकारी के लिए गुरु पीवीआर नरसिम्हाराव के इस वीडियो को देखें इससे बहुत ज्ञानवर्धक जानकारी आपको मिल जाएगी|

https://www.youtube.com/watch?v=jfEcxZcTHOo

यहाँ एक चीज यह समझना जरूरी है की सूर्य पिता का और चन्द्रमा माँ का कारक गृह है| इस लिए सूर्य और चन्द्रमा दोनों के गोचर को मिला कर तिथि प्रवेश चार्ट बनाया जाता है|

अब मुख्य प्रश्न पर आते हैं की नया वर्ष आपके लिए कैसा होगा ? इसके लिए निम्न बिन्दुओ को समझना होगा

१- लग्न

सबसे पहले देखें की लग्न किस राशि का बन रहा है और वह राशि आपके जन्मपत्रिका में कहाँ पड़ रही है| अगर केंद्र मेँ है तो उस साल में प्रसन्नता, अगर त्रिकोण में है तो समृद्धि और यदि दुष्टस्थान में है तो थोड़ा संघर्ष और सम भाव में है तो वर्ष सामान्य रहेगा|  उस साल में लग्नेश की स्थिति और भाव के अनुसार परिणाम मिलेंगे|   

२- होरा

दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बिंदु होरा का अधिपति ग्रह है| यही ग्रह पुरे साल की रूप रेखा तय करता है| हर काम में इसका प्रभाव आपको स्पष्ट दिखेगा| जन्म पत्रिका में इस ग्रह की स्थिति, बल और इससे बनने वाले योग के अनुसार ही आपको परिणाम मिलेंगे| अगर यह यह योगकारी है और इसपर किसी क्रूर गृह की दृष्टि नहीं है तो अच्छे परिणाम मिलेंगे अन्यथा परिणाम में कमी रह सकती है| होरा  के अधिपति ग्रह की अलग अलग डिविजनल चार्ट्स में स्थिति के अनुसार फल कथन किया जा सकता है|

 ३-सक्रिय भाव

भृगु चक्र पद्धति के अनुसार कुंडली के हर भाव जीवन के एक वर्ष के प्रतीक हैं| यानि एक चक्र १२ साल का होता है| तेरहवाँ साल फिर लग्न से शुरू होता है| 

अगर कोई २५ वर्ष के आदमी का देखें तो लग्न भाव सक्रिय रहेगा| ३० साल के व्यक्ति का ६ठवा|  उस सक्रिय भाव में स्थित ग्रहों, भाव पति और उनसे सम्बंधित भावो के परिणाम भी देखने को मिलेंगे|

और हां सामान्य राशिफल इसलिए सटीक नहीं हो पाते क्योंकि वे सिर्फ ग्रह गोचर के अनुसार निकाले जाते हैं| उनमे आपके जन्मकालीन ग्रहों स्थिति और दशाओ को फल कथन में सम्मिलित नहीं किया जाता|

मित्रों ज्योतिष हर भारतीय की एक बहुत ही उपयोगी समृद्ध विरासत है| किसी समय जन सामान्य को इनकी जानकारी होती थी आज हम अपने पूर्वजों की तपस्या से प्राप्त ज्ञान के अलोक से दूर हो गए हैं और अंधकार में भटक रहे हैं| अतः जरुरत इस बात की है इसको समझा जाय जिससे जीवन को सफल बनाया जा सके|  

समस्त लोकः सुखिनो भवन्तु

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